Narmada River System in Hindi
नर्मदा नदी – नमस्कार दोस्तों, gk-test.com पर आप सभी का स्वागत है| आज के इस लेख में हम भारत की नदियों यानिकि Rivers of India की सीरिज में नर्मदा नदी तंत्र यानिकि Indus River System को डिटेल में मानचित्र के द्वारा डिटेल में पढेंगे| तो अगर आप किसी भी परीक्षा जैसे UPSC, IAS, SSC MTS, SSC GD, SSC CHSL, SSC CGL, SSC CPO, NDA, CDS, Bank PO, IBPS की तैयारी कर रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण होगा|
नर्मदा नदी [Narmada River]
नर्मदा नदी भारत की 5वीं व पश्चिम में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है | नर्मदा नदी दक्षिण व उत्तर भारत के बीच एक पारंपरिक सीमा का भी निर्माण करती है| नर्मदा नदी को रेवा(Reva) व प्राचीन समय में नर्बदा(Narbada) व नरबुद्दा(Nerbudda) के नाम से भी जाना जाता था| नर्मदा नदी सतपुड़ा व विन्ध्य पर्वत श्रेणियों के मध्य भ्रंश घाटी (Rift Valley) से होकर बहती है| नर्मदा नदी का सनातन धर्म में एक विशेष व पूजनीय स्थान है तथा माँ गंगा की तरह ही इसे माँ नर्मदा के नाम से जाना जाता है| हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार माँ नर्मदा को भगवान शिव की पुत्री के रूप में जाना जाता है|
नर्मदा नदी का उद्गम स्थल
Narmada River Originates from – नर्मदा नदी की उद्गम मध्य प्रदेश राज्य के अनुपपुर जिले में अमरकंटक चोटी के पास नर्मदा कुंड से होता है |उद्गम के पश्चात नर्मदा नदी मध्य प्रदेश राज्य में पश्चिम दिशा की ओर गुजरात राज्य से गुजरते हुए अरब सागर के खम्भात की खाड़ी (Gulf of Cambay) में अपना जल गिराती है|
नर्मदा नदी मध्य प्रदेश राज्य की सबसे लम्बी नदी है तथा इसे मध्य प्रदेश व गुजरात राज्य के जीवन रेखा के रूप में भी जाना जाता है| नर्मदा नदी की कुल लम्बाई 1312 किमी है| नर्मदा नदी की मध्य प्रदेश राज्य में लम्बाई 1085 किमी तथा गुजरात में 166 किमी है| नर्मदा नदी मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के बीच 39 किमी तथा महाराष्ट्र व गुजरात राज्य के बीच 43 किमी लम्बी सीमा बनाती है|
नर्मदा नदी का जलग्रहण क्षेत्र
Catchment area of Narmada River – नर्मदा नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 98796 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जोकि भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 3% है| नर्मदा नदी का बेसिन चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व गुजरात में फैला हुआ है| नर्मदा नदी का बेसिन एरिया 85858 वर्ग किमी मध्य प्रदेश, 1658 वर्ग किमी महाराष्ट्र तथा 9894 वर्ग किमी गुजरात राज्य में विस्तृत है| नर्मदा नदी का बेसिन क्षेत्र पूर्व में मैकाल रेंज, पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में सतपुड़ा रेंज तथा उत्तर में विन्ध्य की पहाड़ियों से घिरा हुआ है|
नर्मदा नदी की सहायक नदियाँ
Tributaries of Narmada River – नर्मदा नदी की कुल 41 सहायक नदियाँ हैं, जिनमे से 8 प्रमुख नदियाँ दायें व 11 नदियाँ बाएं तरफ से आकर नर्मदा नदी में मिलती हैं| नर्मदा नदी की सहायक नदियों के नाम निम्नलिखित हैं|
नर्मदा नदी में बाएं से मिलने वाली सहायक नदियाँ – खार्मेर, बुढनर, बंजर, तेमूर, सनैर, शेर, शक्कर, दुधी, सुखरी, तवा, हथर, गंजल, अज्नल, मचक, छोटी तवा, कावेरी, खुर्किया, कुंडा, बोराद, देब, गोई आदि नर्मदा नदी में बाएं तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ हैं|
नर्मदा नदी में दाएं से मिलने वाली सहायक नदियाँ – सिलगी, बलाई, गौर, हिरन, बिरान्जो, तेंदोनी, बरना, कोलार, सिप, जामनेर, चन्द्रकेसर, खारी, कनार, चोरल, करम, मन, उरी, हाथमी, ओरसांग आदि नर्मदा नदी में दायें तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ हैं|
अब हम नर्मदा नदी की प्रमुख सहायक नदियों के बारें में डिटेल में डिस्कस करेंगे|
नर्मदा नदी में बाएं से मिलने वाली नदियाँ
Left Bank Tributaries of Narmada River – तवा नदी – तवा नदी नर्मदा की सबसे लम्बी सहायक नदी है| तवा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य में सतपुड़ा की पहाड़ियों से होता है तथा यह नदी होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी से आकर मिलती है| तवा नदी की कुल लम्बाई 117 किमी है|
शक्कर नदी – शक्कर नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य में होता है तथा यह नदी मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी में जाकर मिल जाती है|
कावेरी नदी – कावेरी नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य में होता है तथा यह नदी मध्य प्रदेश के खांडवा जिले में ओमकारेश्वर के पास नर्मदा नदी में आकर मिल जाती है| कावेरी नदी की कुल लम्बाई 40 किमी है तथा इसका जलग्रहण क्षेत्र 954 वर्ग किमी है|
नोट – दक्षिण भारत में बहने वाली कावेरी नदी नर्मदा की सहायक कावेरी नदी से अलग है|
नर्मदा नदी में दाएं से मिलने वाली नदियाँ
Right Bank Tributaries of Narmada River – बरना नदी – बरना नदी का उद्गम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 100 किमी की दूरी पर होता है| तथा यह भी नर्मदा की एक प्रमुख सहायक नदी है|
कोलार नदी – कोलार नदी, नर्मदा नदी में दायें तरफ से मिलने वाली सहायक नदी है| इस नदी की कुल लम्बाई 101 किमी है|
कोरल नदी – कोरल नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य में विन्ध्याचल रेंज की पहाड़ियों से होता है तथा यह नदी मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में नर्मदा नदी से जाकर मिलती है| कोरल नदी की कुल लम्बाई 55 किमी है|
ओरसांग नदी – ओरसांग नदी का उद्गम गुजरात राज्य में होता है तथा यह नदी वड़ोदरा जिले में चंदोड़ गाँव के पास नर्मदा नदी से मिलती है|
नर्मदा नदी पर निर्मित प्रमुख बाँध
Dam and Project on Narmada River – नर्मदा नदी पर निर्मित प्रमुख बाँध व प्रोजेक्ट निम्नलिखित हैं|
रानी अवंती सागर बाँध – रानी अवंती बाई बाँध को बार्गी बाँध के नाम से भी जाना जाता है|नर्मदा नदी पर निर्मित 30 बांधों की श्रृंखला में बार्गी पहला बाँध था| वर्ष 1975 में इस बाँध के निर्माण की शुरुआत मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में किया गया था तथा वर्ष 1988 में इस बांध को खोला गया था| बार्गी बाँध एक ग्रेविटी बाँध है| बार्गी बाँध से संचालित दो सिंचाई प्रोजेक्ट के नाम बार्गी डायवर्सन प्रोजेक्ट तथा रानी अवंतीबाई लोधी सागर प्रोजेक्ट है|
इंदिरा सागर बाँध – इंदिरा सागर बाँध, जल को एकत्र करने की क्षमता के अनुसार भारत का सबसे बड़ा बाँध हैं| इस बाँध का निर्माण मध्य प्रदेश राज्य के खांडवा जिले में नर्मदा नदी पर किया गया है| इस बाँध के निर्माण के लिए 22000 लोगों के शहर व 100 गाँवों को विस्थापित किया गया था| 23 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी द्वारा इसके निर्माण की नींव रखी गई थी| इंदिरा सागर एक ग्रेविटी बाँध है|
ओमकारेश्वर बाँध – ओमकारेश्वर बाँध मध्य प्रदेश के खांडवा जिले में नर्मदा नदी पर निर्मित एक ग्रेविटी बाँध है| इसका उपयोग सिंचाई व जलविद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है| ओमकारेश्वर बाँध की विद्युत उत्पादन क्षमता 520MW है|
सरदार सरोवर बाँध – सरदार सरोवर बाँध गुजरात राज्य के नर्मदा जिले के केवड़िया शहर में नर्मदा नदी के ऊपर निर्मित एक ग्रेविटी बाँध है| यह बाँध नर्मदा नदी पर निर्मित सबसे बड़ा बाँध है| सरदार सरोवर बांध का निर्माण गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान राज्यों को जल व विद्युत उर्जा प्रदान करने के लिए किया गया है|
5 अप्रैल, 1961 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने सरदार सरोवर प्रोजेक्ट का नींव रखा था| इसके निर्माण की शुरुआत 1987 में किया गया था किन्तु नर्मदा बचाओ आन्दोलन के परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसके निर्माण पर रोक लगा दिया गया था| सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2000-2001 में इस प्रोजेक्ट की पुनः शुरुआत हुई| वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार सरोवर बाँध का उद्घाटन किया गया था|
नर्मदा बचाओ आन्दोलन
Save Narmada Movement – वर्ष 1985 में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुवाई में नर्मदा नदी पर बनाये जा रहे विभिन्न बड़े बांधों के निर्माण के विरोध में नर्मदा बचाओ आन्दोलन की शुरुआत किया गया था| नर्मदा बांध परियोजना के तहत नर्मदा नदी पर 3000 से अधिक बड़े-छोटे बांध बनाने का लक्ष्य रखा गया था| नर्मदा नदी पर प्रस्तावित दो सबसे बड़े बाधों में सरदार सरोवर व नर्मदा सागर बांध था|
प्रस्तावित बांधो के निर्माण के विरोध में दिसंबर 1990 में 6000 से अधिक व्यक्तियों के साथ 100 किमी से अधिक दूरी की नर्मदा जन विकास संघर्ष यात्रा निकाली गई|
बाबा आम्टे ने जनवरी 1991 में बांध के विरोध में 7 लोगों के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल किया था जोकि 22 दिनों तक चला था|
इस आन्दोलन के परिणामस्वरुप निम्न सफलताएँ मिली|
1 – वर्ष 1993 में विश्व बैंक सरदार सरोवर बाँध परियोजना से बाहर हो गया
2 – 1999 में सरदार सरोवर बाँध के निर्माण की पुनः शुरुआत हुई तथा इसकी ऊंचाई को 163 मीटर से कम करके 138 मीटर कर दिया गया|
2 – 1999-2001 में महेश्वर बांध प्रोजेक्ट से विदेशी निवेशक बाहर हुए|
नर्मदा नदी से सम्बंधित प्रश्न
Question – नर्मदा नदी कहाँ से निकलती है और कहाँ तक जाती है?
Answer – नर्मदा नदी मध्य प्रदेश राज्य के अनुपपुर जिले में अमरकंटक चोटी से निकलती है तथा मध्य प्रदेश व गुजरात होते हुए खम्भात की खाड़ी तक जाती है|
Question – नर्मदा नदी उल्टी दिशा में क्यों बहती है?
Answer – नर्मदा नदी का उलटी दिशा में प्रवाह का भौगोलिक कारण भ्रंश घाटी है। भ्रंश घाटी का ढाल विपरीत दिशा में है। इस कारण यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में मिल जाती है। अन्य सभी नदियों के विपरीत नर्मदा नदी के उल्टे प्रवाह के पीछे पुराणों में भी कई कथाएं कही गई हैं। कहा जाता है कि नर्मदा का विवाह सोनभद्र से होना था लेकिन सोनभद्र नर्मदा की सहेली जुहिला से प्रेम करती थी। इससे क्रोधित होकर नर्मदा ने आजीवन कुंवारी रहने का संकल्प लिया और विपरीत दिशा में बहने का फैसला किया।
Question – नर्मदा नदी किसकी बेटी थी?
Answer – पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ नर्मदा राजा मेखल की पुत्री थी| राजा मैखल द्वारा उनके विवाह के लिए स्वयंबर का आयोजन किया गया था|
अन्य मान्यताओं के अनुसार – माना जाता है कि वह भगवान शिव के पसीने से पैदा हुई थी, जो ऋक्ष पर्वत पर तपस्या कर रहे थे। इसलिए, उन्हें देवता की बेटी माना जाता है ।
Question – भारत की सबसे छोटी नदी कौन-सी है?
Answer – राजस्थान राज्य में बहने वाली अरवरी नदी को भारत की सबसे छोटी नदी के रूप में जाना जाता है| इस नदी की कुल लम्बाई 90 किमी है|
Question – नर्मदा नदी में बाएं तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ कौन-सी हैं?
Answer – खार्मेर, बुढनर, बंजर, तेमूर, सनैर, शेर, शक्कर, दुधी, सुखरी, तवा, हथर, गंजल, अज्नल, मचक, छोटी तवा, कावेरी, खुर्किया, कुंडा, बोराद, देब, गोई आदि नर्मदा नदी में बाएं तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ हैं|
Question – नर्मदा नदी में दाएं से मिलने वाली नदियाँ कौन-सी हैं?
Answer – सिलगी, बलाई, गौर, हिरन, बिरान्जो, तेंदोनी, बरना, कोलार, सिप, जामनेर, चन्द्रकेसर, खारी, कनार, चोरल, करम, मन, उरी, हाथमी, ओरसांग आदि नर्मदा नदी में दायें तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ हैं|
तो इस पोस्ट में हमने भारत की नदियों की श्रृंखला में नर्मदा नदी तंत्र के बारे में जान लिया है| आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा|