वर्तमान में भारत देश में कुल राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या 106 है, जिनमे से कुल 6 राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं| इस लेख में हम मानचित्र के साथ उत्तराखंड राज्य के सभी राष्ट्रीय उद्यान यानिकि National Parks in Uttarakhand Map के बारे में जानेंगे| तो अगर आप किसी भी परीक्षा जैसे UPSC, IAS, SSC MTS, SSC GD, SSC CHSL, SSC CGL, SSC CPO, NDA, CDS, Bank PO, IBPS की तैयारी कर रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण होगा|
उत्तराखंड राज्य के सभी 6 राष्ट्रीय उद्यानों के नाम निम्नलिखित सारणी में दिया गया है|
क्र. सं. | राष्ट्रीय उद्यान का नाम | स्थापना | क्षेत्रफल |
1. | जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान | 1936 | 520.82 वर्ग किमी |
2. | फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान | 1982 | 87.5 वर्ग किमी |
3. | नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान | 1982 | 624.6 वर्ग किमी |
4. | राजाजी राष्ट्रीय उद्यान | 1983 | 820.42 वर्ग किमी |
5. | गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान | 1989 | 2390.02 वर्ग किमी |
6. | गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान | 1990 | 472.08 वर्ग किमी |
नीचे दिए गए उत्तराखंड राज्य के मानचित्र में उत्तराखंड के सभी 6 राष्ट्रीय उद्यानों को दर्शाया गया है|
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान [Jim Corbett National Park]
- जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है|
- यह भारत का सबसे पुराना व पहला राष्ट्रीय उद्यान है जिसे ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रान्त के गवर्नर विलियम मल्कोम हैली के नाम पर 1936 में “हैली राष्ट्रीय पार्क” के रूप में स्थापित किया गया था|
- 1957 में प्रसिद्ध फोटोग्राफर जिम कॉर्बेट के नाम पर इस राष्ट्रीय पार्क का नया नाम दिया गया|
- 1 अप्रैल, 1973 को प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत इसी राष्ट्रीय पार्क से किया गया था यानिकि यह भारत का पहला टाइगर रिजर्व है|
- जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 520.80 वर्ग किमी है|
- रामगंगा नदी द्वारा निर्मित पतली दून घाटी इसी राष्ट्रीय पार्क में स्थित है|
- जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क में 110 वृक्ष, 580 चिड़ियों, 25 सरीसृप व 50 स्तनधारी जीवों की प्रजातियाँ पायी जाती है
- यह राष्ट्रीय पार्क टाइगर की जनसँख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राष्ट्रीय पार्क है|
- महत्वपूर्ण जानवर – भारतीय पैन्गोलिन, सांभर हिरण, मगरमच्छ, घड़ियाल, चीतल, हॉग डियर, बाघ, हिमालयी काले भालू, हाथी, तेंदुआ आदि|
- वनस्पति – आर्द्र पर्णपाती वन क्षेत्र में पीपल, रोहिणी, साल, हाल्दु आदि वृक्ष पाए जाते हैं|
फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान [Valley of Flower National Park]
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है|
- इसे वर्ष 1982 में स्थापित किया गया था तथा इसका कुल क्षेत्रफल 87.50 वर्ग किमी है|
- यह राष्ट्रीय पार्क नन्दा देवी बायोस्फियर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित है|
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क को वर्ष 2005 में नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के साथ एक इकाई के रूप में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था|
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में कुछ दुर्लभ व इन्डैनजर्ड प्रजातियाँ पाई जाती हैं|
- प्रमुख पशु – लाल बड़ी फ्लाइंग गिलहरी, लाल लोमड़ी, गोराल, हिमालयी ताहर, भारल नीली भेड़, हिमालयी काला भालू, मस्क डियर आदि|
- यह राष्ट्रीय पार्क विभिन्न प्रकार के फूलों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है जिसमे आर्किड, रोडोडेड्रोन, रत्नज्योति, गेंदा, गुलबहार आदि प्रमुख हैं|
नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान [Nanda Devi National Park]
- गंगा नदी का उद्गम स्थान गंगोत्री हिमनद [गौमुख] इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है|
- वर्ष 1989 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था|
- यह राष्ट्रीय पार्क 2390 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय पार्क व केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य के बीच फैला हुआ ह
- विभिन्न प्रकार की दुर्लभ प्रजातियाँ जैसे – हिमालयी स्नोकॉक, हिमालयी मोनल, काला व भूरा भालू, हिमालयी ताहर, हिमालयी स्नो लेपर्ड, मस्क डियर आदि इस राष्ट्रीय पार्क में पाए जाते हैं|
- इस राष्ट्रीय पार्क के निचले क्षेत्र में उप-अल्पाइन कोनिफर वनस्पति व ऊंचाई पर अल्पाइन झाड़ियाँ व श्रब वनस्पति पाई जाती है जिसमे चीर पाइन, देवदार, फिर, स्प्रूस, रोडोडेड्रोन आदि के वृक्ष प्रमुख हैं|
गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान [Govind Pashu Vihar National Park]
- वर्ष 1955 में उत्तर प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री गोविन्द वल्लभ पन्त जी के नाम पर गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान को स्थापित किया गया था|
- इस राष्ट्रीय पार्क का कुल क्षेत्रफल 472 वर्ग किमी है|
- यह पार्क यमुना की सहायक नदी टोंस के उपरी जल-ग्रहण क्षेत्र का निर्माण करता है व प्रसिद्ध हरि-की-दून घाटी इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है|
- बर्फ के तेंदुएं के संरक्षण के लिए गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय पार्क में सबसे पहले स्नो लेपर्ड प्रोजेक्ट की शुरुआत किया गया था|
- इस राष्ट्रीय पार्क में जानवरों व चिड़ियों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं|
- प्रमुख जानवर – भूरा भालू, मस्क डियर, ब्लैक ईगल, पश्चिमी ट्रोगोपैन, सुनहरा लंगूर, हिमालयी ताहर, बर्फ का तेंदुआ, काला भालू आदि|
- गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान में चौड़ी पत्तियों वाले कोनिफर व पर्णपाती वन पाए जाते हैं, जिसमे स्प्रूस, ओक, अखरोट, सिल्वर फिर, ब्लू पाइन, हॉर्स चेस्टनट, रोडोडेड्रोन आदि के वृक्ष पाए जाते हैं|
तो इस प्रकार से हमने उत्तराखंड के सभी 6 राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिकोण से सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को कवर कर लिया है |आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा |
इसी प्रकार से अगर आप अन्य राज्यों के राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में पढना चाहते हैं तो निम्नलिखित सारणी में दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिये|
असम | तमिलनाडु | मध्य प्रदेश |
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राजस्थान | कर्नाटक | केरल |
उत्तराखंड | महाराष्ट्र | पश्चिम बंगाल |
हिमाचल प्रदेश | गुजरात | अंडमान व निकोबार |
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है|
- इस राष्ट्रीय पार्क को वर्ष 1982 में स्थापित किया गया था तथा इसका कुल क्षेत्रफल 630.33 वर्ग किमी है|
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1988 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था|
- यह राष्ट्रीय उद्यान नन्दा देवी बायोस्फियर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित है|
- भारत की दूसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी नन्दा देवी इसी राष्ट्रीय पार्क के निकट स्थित है|
- ऋषि गंगा नदी नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान से होकर प्रवाहित होती है|
- नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क में हिमालयी मस्क हिरण, स्नो लेपर्ड, हिमालयी कला भालू, हिमालयी ताहर आदि जैसे जानवर पाए जाते हैं|
- यहाँ पर प्रायः रोडोडेड्रोन, अल्पाइन पुष्प, फिर, बर्च आदि के पौधे देखने को मिलते हैं|
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान [Rajaji National Park]
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल व देहरादून जिले में है|
- वर्ष 1983 में चिल्ला, मोतीचूर व राजाजी वन्यजीव अभ्यारण्य का आपस में विलय करके राजाजी राष्ट्रीय उद्यान को स्थापित किया गया था|
- इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 820.5 वर्ग किमी है|
- इस पार्क का नामकरण भारत के आखिरी गवर्नर जनरल सी राजागोपालाचारी के नाम पर किया गया था|
- वर्ष 2015 में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के बाद राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड का दूसरा टाइगर रिजर्व बना|
- यह राष्ट्रीय पार्क मुख्यतः हाथियों के लिए प्रसिद्ध है तथा इसके अलावा यहाँ पर बंगाल टाइगर, सियार, भारतीय लंगूर, तेंदुआ, रीसस मकैक बन्दर, स्लॉथ बियर, पहाड़ी बकरी आदि जीव भी पाए जाते हैं|
- शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित इस राष्ट्रीय पार्क में चौड़ी पत्तियों वाले पर्णपाती वन पाए जाते हैं, जिसमे साल, बाँस, पलाश, अर्जुन खैर आदि के वृक्ष पाए जाते हैं|
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान [Gangotri National Park]
- गंगा नदी का उद्गम स्थान गंगोत्री हिमनद [गौमुख] इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है|
- वर्ष 1989 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था|
- यह राष्ट्रीय पार्क 2390 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय पार्क व केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य के बीच फैला हुआ ह
- विभिन्न प्रकार की दुर्लभ प्रजातियाँ जैसे – हिमालयी स्नोकॉक, हिमालयी मोनल, काला व भूरा भालू, हिमालयी ताहर, हिमालयी स्नो लेपर्ड, मस्क डियर आदि इस राष्ट्रीय पार्क में पाए जाते हैं|
- इस राष्ट्रीय पार्क के निचले क्षेत्र में उप-अल्पाइन कोनिफर वनस्पति व ऊंचाई पर अल्पाइन झाड़ियाँ व श्रब वनस्पति पाई जाती है जिसमे चीर पाइन, देवदार, फिर, स्प्रूस, रोडोडेड्रोन आदि के वृक्ष प्रमुख हैं|
गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान [Govind Pashu Vihar National Park]
- वर्ष 1955 में उत्तर प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री गोविन्द वल्लभ पन्त जी के नाम पर गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान को स्थापित किया गया था|
- इस राष्ट्रीय पार्क का कुल क्षेत्रफल 472 वर्ग किमी है|
- यह पार्क यमुना की सहायक नदी टोंस के उपरी जल-ग्रहण क्षेत्र का निर्माण करता है व प्रसिद्ध हरि-की-दून घाटी इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है|
- बर्फ के तेंदुएं के संरक्षण के लिए गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय पार्क में सबसे पहले स्नो लेपर्ड प्रोजेक्ट की शुरुआत किया गया था|
- इस राष्ट्रीय पार्क में जानवरों व चिड़ियों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं|
- प्रमुख जानवर – भूरा भालू, मस्क डियर, ब्लैक ईगल, पश्चिमी ट्रोगोपैन, सुनहरा लंगूर, हिमालयी ताहर, बर्फ का तेंदुआ, काला भालू आदि|
- गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान में चौड़ी पत्तियों वाले कोनिफर व पर्णपाती वन पाए जाते हैं, जिसमे स्प्रूस, ओक, अखरोट, सिल्वर फिर, ब्लू पाइन, हॉर्स चेस्टनट, रोडोडेड्रोन आदि के वृक्ष पाए जाते हैं|
तो इस प्रकार से हमने उत्तराखंड के सभी 6 राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिकोण से सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को कवर कर लिया है |आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा |
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